बैंक रन क्या है? | Bank Run ko kaise Roke in Hindi

Bank Run Kya Hai in Hindi: बैंकिंग क्षेत्र में बैंक रन एक ऐसा शब्द है, जिसकी चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का कारण बैंक रन ही है। सिलिकॉन बैंक के बंद होने की घटना ने पूरी दुनिया की आर्थिक व्यवस्था को अस्थिर कर दिया है।

अमेरिकी कमर्शियल बैंक, सिलिकॉन वैली बैंक बंद होने की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला है। किसी भी बैंक के डूबने के दो ही मुख्य कारण होते हैं, पहली वजह कोई बड़ा धोखाधड़ी हो सकता है। दूसरा कारण बैंक रन है।

जैसा कि हमने बताया कि अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का कारण बैंक की चाल (Bank Run) है। ऐसे में आपने बैंक रन के इस टर्म के बारे में जरूर जानना चाहा होगा कि बैंक रन क्या है? और इसे कैसे रोका जाए। 

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बैंकिंग सेक्टर में प्रयोग होने वाला टर्म बैंक रन (Bank Run) के बारे में बताने जा रहे है। बैंक रन के बारे में अधिक जानने के लिए आप इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ें।

Bank Run क्या है? (What is Bank Run in Hindi) 

आसान शब्दो में किसी भी बैंक से जमा राशि वापस लेने की दौड़ को बैंक रन (Bank Run) कहते है। आर्थिक दृष्टिकोण से समझे तो, जब बड़ी संख्या में ग्राहक किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के दिवालिया हो जाने के डर से, अपनी जमा की गई धनराशि को बैंक से वापिस निकलते है तो उस स्थिति को बैंक चलाना या बैंक रन कहा जाता है।

बैंक रन की स्थिति वास्तविक में बैंक के दिवालिया होने के बजाय घबराहट के कारण होती है। जब अधिक लोग एक साथ जमा राशि निकलती है, तो डिफ़ॉल्ट की संभावना बढ़ जाती है। इससे बैंक के प्रति जनता में भय संचालित होता है। 

जो अन्य सभी लोग को अपनी जमा धनराशि को निकलने के लिए प्रेरित करता है। ग्राहकों द्वारा एक साथ जमा रकम वापस लेने के कारण बैंक के पास पर्याप्त फंड नहीं रहता है। जिस वजह से उस बैंक को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। जनता का भय ही किसी बैंक को वास्तविक दिवालिएपन की ओर ले जाता है। 

साइलेंट बैंक रन क्या है? (What is Silent Bank Run in Hindi?)

साइलेंट बैंक रन की स्थिति में ग्राहकों के द्वारा किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में जमा उनकी धनराशि को व्यक्तिगत रूप से निकलने के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से निकाला जाता है।

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बैंक रन (बैंक भगदड़) किस वजह से होता है ?

कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान अपने ऐसे फार्मूले के तहत काम करती है कि कभी भी ग्राहक बड़ी संख्या में और एक साथ पैसे लेने बैंक में कभी नहीं आते हैं। 

इसके अलावा कोई भी ग्राहक जब बैंक में अपने पैसे जमा करवाता है तो ग्राहक के द्वारा बैंक में जमा की गई राशि का कुछ प्रतिशत हिस्सा बैंक अपने पास रख कर बाकी राशि को किसी दूसरे ग्राहकों को लोन के रूप दे देती है। ग्राहक को दिए गए लोन पर बैंक ब्याज लगाकर मुनाफा कमाती है।

लेकिन किसी वजह से एक साथ बड़ी संख्या में सभी लोग बैंक से एक ही समय पर अपनी जमाराशि को वापस लेना शुरू कर देंगे तो इस स्थिति में बैंक का सिस्टम ठीक तरह से नहीं चल पाता है। ऐसे में ग्राहकों द्वारा एक साथ जमा रकम वापस लेने के कारण बैंक के पास पैसों की कमी से Bank Run की समस्या उत्पन्न होती है।

बैंक रन के नकारात्मक प्रभाव

बैंक रन के कारण किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अक्सर अफवाहों के कारण बैंक रन की स्थिति पैदा होती है। जो बैंको या वित्तीय संस्थानों के लिए एक नकारात्मक फीडबैक लूप बनाता है। 

यदि सभी ग्राहक निकासी करना शुरू कर दें, तो ग्राहकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बैंक को नकदी की स्थिति बढ़ानी होगी।

नकदी की समस्या से निपटने के लिए बैंक अपनी संपत्ति को बेचकर नकदी की समस्या को कम कर सकता है। ऐसी स्थिति में जब कोई बैंक अपनी प्रॉपर्टी को बेचता है तो उसको अपने मुताबिक कीमत नहीं मिलती है जिसके कारण बैंको को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

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वित्तीय संकट के बारे में – About the 2008 financial crisis in Hindi

बैंक रन का इतिहास काफी पुराना है। कई एतिहासिक घटनाएं जैसे: ग्रेट डिप्रेशन और 2008-09 के वित्तीय संकट जैसी कई आर्थिक संकट बैंक रन के कारण हुई थी। 2008 में अमेरिका में फाइनेंसियल क्राइसिस हुआ था। 

इसे वित्तीय संकट के रूप में जाना जाता है। यह एक बहुत बड़ा वित्तीय संकट था, जिसमे अमेरिका का चौथा सबसे बड़ा निवेशक बैंक लेहमन ब्रदर्स के साथ बैंक ऑफ अमेरिका, मेरिल लिंच, सिटीग्रुप जैसे कई बैंक शामिल थे। 

2008 के इस क्राइसिस का मुख्य कारण हाउसिंग मार्केट में ध्यान देने योग्य गिरावट और उस समय बैंकों द्वारा लोगों को ऋण देने के तरीके में अस्थिरता थी। बैंको के द्वारा लोगों को अंधाधुंध ऋण दिया गया। अधिकतर लोन उन ग्राहकों को दिया गया जो लोन चुकाने में नाकाम रहे।

जिस वजह से बैंक ग्राहकों के नकदी की जरूरतों को पूरा करने में विफल रही साथ ही बैंक ने ग्राहकों का विश्वास भी खो दिया। जिस कारण से बैंको और कई वित्तीय संस्थानों को बैंक रन (Bank Run) का सामना करना पड़ा और भारी नुकसान उठाना पड़ा। 

2008 Financial Crisis का असर दुनियाभर में हुआ। जिस कारण अरबों डॉलर के नुकसान होने के साथ एक बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए थे। दुनियाभर के देशों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा जिससे विश्व अर्थव्यवस्था में अस्थिरता फ़ैल गई थी। 

बैंक रन से कैसे बचा जा सकता है?- Bank Run se kaise bacha ja sakta hai

बैंको या वित्तीय संस्थान ग्राहकों को जमा धनराशि की सुरक्षा के बारे में अश्वासन देकर उनके डर को कम कर सकती है। जिससे ग्राहक जमा राशि को लेकर उत्तेजित ना होए। 

बैंक को बचाने में रिज़र्व बैंक सहायक होती है। क्योकि यह किसी देश का मुख्य बैंक होता है। बैंक रन से निपटने के लिए रिज़र्व बैंक कमर्शियल बैंक को वित्तीय सहायता दे कर इस समस्या को दूर कर सकती है। 

भविष्य में बैंक रन के खतरे का अनुमान लगा कर बैंक कुछ समय के लिए बैंक बंद करने के विकल्प को चुन सकती है। इससे लोगों को इकट्ठा होने और पैसे वापस निकलने से रोक सकते है।

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