PF Withdrawal Rules: जानिए प्रोविडेंट फंड कब और कितने साल में निकाल सकते हैं?

PF Withdrawal Rules: पीएफ यानि भविष्य निधि यह कर्मचारियों के लिए काफी जरूरी है, क्योकि कर्मचारी इस योजना के अंतर्गत रेगुलर इन्वेस्टमेंट करके अपने भविष्य की जरूरतों के लिए बचत कर सकते है। योजना और निवेश के रूप में पीएफ खाता कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रोविडेंट फण्ड स्कीम में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और सामान्य भविष्य निधि (GPF) योजना शामिल हैं। प्रोविडेंट फंड उन लोगों के लिए है जो सरकारी कर्मचारी हैं या किसी अन्य पेशे से जुड़े हैं। 

इसमें कर्मचारी का योगदान संगठन में शामिल होने के बाद शुरू होता है। भविष्य निधि खाते में हर महीने नियमित निवेश किया जाता है। इसमें कर्मचारी अपने वेतन का एक छोटा हिस्सा प्रोविडेंट फण्ड के रूप में बचाता है।

हर महीने कर्मचारी की सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है। प्रोविडेंट फंड में जमा रकम पर ब्याज मिलता है, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को जमा रकम पर ब्याज के साथ एक बड़ी रकम मिलती है।

इसके अलावा कर्मचारी पीएफ से समय से पहले निकासी भी कर सकते हैं, लेकिन पीएफ से निकासी के नियम ईपीएफओ द्वारा तय किए गए हैं। जिसके तहत आप खाते से पैसे निकाल सकते है।

पीएफ निकासी नियम (PF Withdrawal Rules)

Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने पीएफ निकासी के कई नियम सूचीबद्ध किए हैं, जोकि इस प्रकार हैं:-

EPFO कर्मचारी के सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले ईपीएफ कोष का 90 फीसदी  निकालने की अनुमति देता है, इसके लिए व्यक्ति की आयु 54 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।  

यदि कोई कर्मचारी 5 साल की निरंतर सेवा पूरी करने के बाद पीएफ से पैसे निकलता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन 5 साल से पहले की गई निकासी कर के अधीन हैं।

यदि कर्मचारी ने EPFO अधिकारियों को अपना पैन विवरण जमा किया है तो योजना में लगातार 5 वर्ष पूरे होने के बाद कर्मचारी के पहली निकासी के लिए 10% टीडीएस लागू होगा।

इसके विपरीत पैन विवरण जमा न होने पर कर्मचारी को मूल राशि का 30% और अर्जित ब्याज पर कर लगाया जाएगा।

यदि कोई व्यक्ति 1 महीने तक बेरोजगार है तो वह जमा राशि का 75% तक निकाल सकता है और शेष जमा राशि 2 महीने या उससे अधिक समय से बेरोजगार होने पर निकाल सकता है।

यदि कर्मचारी ने अपने आधार कार्ड को अपने UAN से लिंक किया है तो वह अपने नियोक्ता से वेरीफाई के बिना, निकासी के लिए समग्र दावा फॉर्म सीधे ईपीएफओ को जमा कर सकता है।

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भविष्य निधि निकासी के सामान्य कारण

यहां PF Withdrawal Rules के साथ भविष्य निधि निकासी के सामान्य कारण दिए गए हैं:-

चिकित्सा प्रयोजन: कर्मचारी को चिकित्सा उपचार के लिए जमा राशि का हिस्सा ब्याज सहित या मासिक वेतन का 6 गुना (जो भी कम हो) निकालने की अनुमति है। यह सुविधा कर्मचारी के स्वयं के उपयोग या परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए लागू है।

शादी के लिए: कर्मचारी अपने बच्चों या भाई-बहनों की शादी के लिए अपने पीएफ खाते से निकासी कर सकते हैं। निकासी के लिए पात्र होने के लिए 7 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी होनी चाहिए। इसमें कर्मचारी के योगदान का लगभग 50 फीसदी हिस्सा ब्याज समेत निकाला जा सकता है। 

बेरोजगारी के मामले में: कोई भी नौकरीपेशा व्यक्ति जो पीएफ खाताधारक है उसके रोजगार छोड़ने के बाद एक महीने से अधिक समय से बेरोजगार है तो ऐसे स्थिति में वह अपने कुल पीएफ जमा राशि का 75% तक निकाल सकता है। बेरोजगार की समय अवधि दो महीने से अधिक होने पर खाताधारक को शेष 25% निकालने की भी अनुमति है।

शिक्षा के लिए: अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए कर्मचारी पीएफ के कुल योगदान का 50 फीसदी  तक निकाल सकते हैं। लेकिन यह धनराशि ईपीएफ खाते में न्यूनतम 7 साल के  योगदान के बाद ही ट्रांसफर की जाती है। 

इसके अलावा पीएफ खाताधारक गृह नवीनीकरण के लिए, आवासीय संपत्ति या भूमि भूखंड खरीदने के लिए और मौजूदा ऋणों का भुगतान करने के लिए भी प्रोविडेंट फण्ड से अपनी आवश्यकता अनुसार राशि की निकासी कर सकता है।

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