Financial Changes in New Year 2024: नए साल 1 जनवरी 2024 से फाइनेंस नियमों में 5 बड़े बदलाव किये गए

Financial Changes in New Year 2024: नए साल 2024 की शुरुआत देश के कई वित्तीय क्षेत्रों में बदलाव के साथ हो रही है। वित्त से जुड़े कई बदलाव हैं जिनमें छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर, डीएक्टिवेट यूपीआई आईडी, बीमा पॉलिसी दस्तावेज आदि से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव शामिल किए गए हैं।

1 जनवरी 2024 से वित्तीय क्षेत्र में होने वाले बदलावों का असर लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ सकता है। ऐसे में आपको जानना चाहिए कि फाइनेंस से जुड़े ये बदलाव क्या हैं और इसका आप पर क्या असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं फाइनेंस से जुड़े नियमों में क्या बदलाव हुए हैं।

1 जनवरी से 2024 में बदलने वाले ये फाइनेंस नियम – Financial Changes in New Year 2024

नए साल 1 जनवरी 2024 से फाइनेंस नियमों में 5 बड़े बदलाव किये गए जो इस प्रकार है:

डीएक्टिवेट UPI ID

ऐसे कई UPI ऐप्स हैं जिनका उपयोग ऑनलाइन भुगतान करने के लिए किया जाता है। यूपीआई के जरिए कई बड़े लेनदेन हो रहे है। लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ रहा है, धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई ऐसी यूपीआई आईडी को बंद किया जा रहा है जिनका इस्तेमाल एक साल से नहीं किया गया है।

जिस भी व्यक्ति की UPI ID एक साल से Deactivate है, यानी उस व्यक्ति ने एक साल से कोई भी ऑनलाइन लेनदेन नहीं किया है, तो उसकी ID बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा अगर आपकी भी UPI ID निष्क्रिय है और यूपीआई सेवा दोबारा शुरू करना चाहते हैं तो आपको पुनः यूपीआई ऐप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद ही आप ऑनलाइन पेमेंट कर सकते है।

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स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी दस्तावेजों में बदलाव

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमाकर्ताओं को बीमा पॉलिसी धारकों के लिए संशोधित CIS (Customer Information Sheet) जारी करने का आदेश दिया है।

जिसके तहत सीआईएस में बीमा से जुड़ी सारी जानकारियां को जटिल भाषा में जारी करने के बजाय आसान और सरल भाषा में जारी करने का आदेश दिया है। इस बदलाव का उद्देश्य पॉलिसी दस्तावेजों में सरल भाषा का उपयोग करना है ताकि आम ग्राहक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से संबंधित नियमों और शर्तों को आसानी से समझ सकें।

सिम कार्ड के लिए कागज-आधारित KYC की जरूरत नहीं

 नए सिम कार्ड खरीदने के लिए डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के नियमों में 1 जनवरी 2024 से बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत फिजिकल डॉक्यूमेंट जमा करने की जरूरत नहीं है, इसके अलावा KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है।

दूरसंचार विभाग (DoT) की अधिसूचना के अनुसार, कागज-आधारित KYC प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी। इस बदलाव के बाद सिम कार्ड खरीदने के लिए ग्राहक को केवल फोटो और पहचान पत्र दिखाना के साथ डिजिटल वेरिफिकेशन करना होगा। 

KYC नियमों में बदलाव से सिम कार्ड धोखाधड़ी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, साथ ही सिम कार्ड के लिए दस्तावेज़ सत्यापन के नियमों में बदलाव से ग्राहकों को एक नया अनुभव मिलेगा।

छोटी बचत पर ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी

छोटी बचत पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी- वित्तीय क्षेत्र में कई बदलावों के बीच एक छोटी बचत योजना भी है। सरकार द्वारा किए गए बदलावों के तहत जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSAS) और 3 साल की जमा योजना पर ब्याज 0.20% बढ़ा दिया गया है।

यानी सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.20 फीसदी हो गई है, जबकि 3 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 7.00% से बढ़कर 7.10% हो गई है। इस बदलाव से छोटी बचत करने वाले ग्राहकों को फायदा होने वाला है।

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ITR दाखिल करने की समय सीमा  

जो लोग टैक्स के दायरे में आते हैं उन्हें ITR भरना होता है। नए टैक्स स्लैब के अनुसार जिनकी सालाना आय 3.5 लाख रुपये से ज्यादा है, उसे आईटीआर दाखिल करना होगा। इसके अलावा अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख से चूक जाते हैं तो आपको जुर्माने के तौर पर Belated ITR दाखिल करना होगा। 

साल 2022-23 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2023 थी। इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से किए गए बदलाव के तहत समय से पहले आईटीआर फाइल नहीं करने वाले लोगों को पांच हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा।

इसके अलावा ऐसे लोगों जिनकी एनुअल इनकम 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें देर से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माना भरने में कुछ छूट दी गई है, उन्हें सिर्फ 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

वाहन मूल्य वृद्धि

नया साल 2024 में यदि आप भी नई कार खरीदना चाहते है तो आपको बता दे कि नए साल की शुरुआत में गाड़ियों की कीमतों में बदलाव किये जा रहे है। टाटा मोटर्स, मारुति, महिंद्रा, ऑडी और मर्सिडीज जैसे कई ऑटो मेकर कम्पनियाँ कीमतों में बढ़ोत्तरी करने जा रही है। 

कार निर्माता कंपनियों का कहना है कि उच्च इनपुट लागत के कारण नए साल से वाहनों की कीमतें बढ़ाई जाएंगी। वाहन की कीमतों में बढ़ोतरी आपकी जेब पर सीधे असर डाल सकता है।

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