Disadvantages of PPF Account in Hindi: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) भारत की लोकप्रिय बचत योजना में से एक है। साथ ही यह उन निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय है जो लॉन्ग टर्म में इन्वेस्ट करके उच्च रिटर्न प्राप्त करना चाहते है। सार्वजनिक भविष्य निधि एक दीर्घकालिक (Long-Term) बचत योजना है, इसकी मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष है।
आपको बता दे कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर जो भी ब्याज दर लगाया जाता है, वह सरकार के द्वारा तय किया जाता है। मौजूदा समय में PPF के द्वारा 7.1% फीसदी ब्याज दर 1 अप्रैल 2023 से लागू है।
सार्वजनिक भविष्य निधि में निवेशक अपने मूल राशि को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से खाता खोलते है, लेकिन दूसरी बचत योजना की तरह पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) योजना के भी कुछ नुकसान है।
जिन पर निवेश करने से पहले विचार करना आवश्यक है। इस लेख में हम पब्लिक प्रॉविडेंट फंड योजना के नुकसान पर चर्चा करेंगे कि आपको पीपीएफ में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए।
पीपीएफ के नुकसान क्या हैं? – What Are The Top 6 Disadvantages of PPF Account in Hindi
यहाँ हम आपको कुछ मुख्य कारण बताने वाले है कि आपको सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए।
PPF Account Me Invest Na Karne Ke Top 6 Reasons
- PPF से अधिक रिटर्न देने वाले विकल्प
- लॉन्ग – लॉक इन पीरियड
- निश्चित अधिकतम जमा सीमा
- समय से पहले PPF Account बंद करने की अनुमति नहीं
- प्रारंभिक निकासी शर्तें
- ब्याज दर में परिवर्तन होने की संभावना
PPF से अधिक रिटर्न देने वाले विकल्प
जैसा की हमने आपको पहले ही बता दिया है कि वर्तमान समय में PPF पर मिलने वाला ब्याज 7.1% है। लेकिन यहाँ कई ऐसे विकल्प मिल जाएंगे जिस पर आपको इससे बेहतर रिटर्न मिल सकता है। जैसे, Employees Provident Fund (EPF) की ब्याज दर PPF के मुकाबले अधिक है।
यह वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक आकर्षक विकल्प है। क्योकि EPF पर मिलने वाला ब्याज 8.15% फीसदी है, जिसमें वेतनभोगी कर्मचारी निवेश करके अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
इसके अलावा इन्वेस्टर पीपीएफ के समान मिलने वाला कर (Tax) बचत लाभ कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में भी प्राप्त कर सकते है।
हालांकि, गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए PPF निवेश और कर-बचत के लिए अच्छी योजना है। इसके अलावा अन्य विकल्प जैसे म्यूचुअल फंड्स में भी निवेश करने पर आप पीपीएफ अकाउंट से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
लॉन्ग – लॉक इन पीरियड
सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) खाता दीर्घकालीन लोंग टाइम के लिए खोला जाता है इसकी मैच्योरिटी अवधि 15 साल तक है। यह योजना उन निवेशकों के लिए एक बेहतर रणनीति हो सकती है जो लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं।
15 साल का लॉक इन पीरियड होने के कारण पीपीएफ खाते से पैसे निकालने के संबंध में बहुत सारी कमियां देखने को मिलती है। PPF स्कीम के तहत ऋण सुविधा और आंशिक निकासी की अनुमति है।
यदि व्यक्ति को पैसे की जरूरत है तो वह 6 साल की अवधि पूरी होने के बाद पैसे निकाल सकते है। खाताधारक को पिछले वर्ष के अंत में खाते की शेष राशि का केवल 50% फीसदी या चौथे वर्ष के अंत में मौजूद राशि का केवल 50% फीसदी के राशि निकाल की अनुमति होती है। इस प्रकार, PPF निकासी के संबंध में बहुत सारे प्रतिबंधों के साथ आता है।
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निश्चित अधिकतम जमा सीमा
PPF योजना के तहत खाताधारक को अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक जमा करने की अनुमति है। पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा अधिकतम जमा सीमा नहीं बढ़ाई गई है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त विकल्प नहीं है जो 1.50 लाख रुपये से अधिक का निवेश करना चाहते हैं।
इसके अलावा वेतनभोगी कर्मचारी जो 1.50 लाख से अधिक का निवेश करना चाहते हैं, वे अपने लिए बेहतर विकल्प के रूप में वीपीएफ को चुन सकते हैं। VPF में वेतन से 2.5 लाख रुपये तक बिना किसी अतिरिक्त कर के आवंटित किया जा सकता है।
समय से पहले PPF Account बंद करने की अनुमति नहीं
अगर आपका पीपीएफ खाता है और आप इस खाते में समय से पहले इन्वेस्टमेंट करना बंद करना चाहते है तो आप पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद नहीं कर सकते हैं। PPF नियमों के अनुसार, निम्नलिखित प्रमुख परिस्थितियों में ही समय से पहले खाता जल्दी बंद करने की अनुमति है:
- खाताधारक, उसके जीवनसाथी (पति/पत्नी) या उन पर आश्रित बच्चों को जानलेवा बीमारी होने की स्थिति में।
- खाताधारक के द्वारा आवासीय स्थिति में परिवर्तन करने पर।
- खाताधारक या उनके आश्रित बच्चों की उच्च शिक्षा के दौरान
प्रारंभिक निकासी शर्तें
पीपीएफ में पहली निकासी के लिए कई सख्त नियम है। कोई भी PPF खाताधारक एक वित्तीय वर्ष में केवल एक भी बार पैसे निकाल सकता है, वह भी PPF में खाता खोलने के पांच वर्ष बाद।
यदि कोई भी व्यक्ति FY 2023-24 में खाता खोलता है तो वह पांच साल पूरे होने के बाद यानि वित्त वर्ष 2029-30 के दौरान अपनी पहली निकासी कर सकते है। उससे पहले आप अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकते है।
ब्याज दर में परिवर्तन होने की संभावना
पीपीएफ ब्याज दर सरकार तय करती है। पिछले कई वर्षों में PPF अकाउंट की ब्याज दर में कमी देखी गई है। साल 2010 में PPF योजना पर मिलने वाला ब्याज दर 8% तक था।
जोकि साल 2021 में घटाकर 7.1% कर दिया गया। सरकार के द्वारा हर तिमाही के बाद बचत योजना की नई ब्याज दर को लागू किया जाता है। इसलिए भविष्य में सरकार ब्याज दर में कमी कर सकती है।
Disclaimer: यह आर्टिकल केवल आपको जानकारी देने के उद्देश्य से है। यदि आप PPF में निवेश करने की योजना बना रहे है तो उससे पहले आपको किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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